Monday, 22 August 2022

बोलु क्या

 मैं गांठ दिल की खोलू क्या,
कांधे सिर रख कर रो लूं क्या,
आप ऑंखो से सब पढ़ लो ना,
मैं आखिर मुंह से बोलु क्या,
कुछ दूर अभी अंधियारा है,
मैं साथ तुम्हारे हो लूं क्या,
कुछ रंग उभर के आएंगे,
ऑंख से सपने धोलू क्या,
अब शायद लौट ना पाऊं में,
एक गहरी नींद में सो लू क्या।।

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